आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?Artificial Intelligence

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जिसे संक्षेप में एआई (AI) कहा जाता है, एक ऐसी तकनीक है या एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो मशीनों को इंसानों की तरह सोचने, समझने और निर्णय लेने की प्रदान क्षमता करता है । यह तकनीक कंप्यूटर डेटा और एल्गोरिदम का उपयोग करके सीखने और कार्य करने में सक्षम बनाती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कम्प्यूटर साइंस की एक एडवांस्ड शाखा है जिससे सॉफ्टवेयर इंसानो की तरह सोचकर फैसले ले सकता है |

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई )कैसे काम करता है?
आर्टिफीसियल इंटेलिजेन्स को काम करने के लिए डाटा की जरुरत होती है,ये डाटा वीडियो,ऑडियो, फोटो एवं अन्य तरह की रिकॉर्डिंग होती है जिसकी मदत से सॉफ्टवेयर को ट्रैनिंग दी जाती है,जितना ज्यादा डाटा सॉफ्टवेयर में आता जाता है A I उतने अच्छे व सटीक रिजल्ट प्रदान करता है ,आर्टिफीसियल इंटेलिजेन्स के पास खुद सोचने की कोई शक्ति नहीं होती है वह केवल डाटा के हिसाब से काम करता है |

 

AI की शुरुआत कब हुई थी ?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आरम्भ 1950 में हुआ था लेकिन इसे पहचान 1970 में मिली। जापान ने 1981 में Fifth Generation योजना शुरू की थी। इसमें सुपरकम्प्युटर के विकास के लिए 10वर्षो का टारगेट रखा गया था।
जापान के बाद दूसरे देशों का भी ध्यान इस ओर गया . ब्रिटेन ने ‘एल्वी’ नाम का एक प्रोजेक्ट बनाया. यूरोपीय यूनियन के देशों ने ‘एस्प्रिट’ नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी. इसके बाद 1983 में कुछ निजी संस्थाओं ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर लागू होने वाली उन्नत तकनीकों, जैसे-Very Large Scale Integrated सर्किट का विकास करने के लिये एक संस्था ‘माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी’ की स्थापना की.

AI की खोज किसने की थी ?

अमेरिका के कम्प्यूटर साइंटिस्ट जॉन मैकार्थी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक माना जाता है,1956 में मैकार्थी ने डॉर्टमाउथ कॉन्फ्रेंस का
आयोजन किया था,इसी कॉन्फ्रेंस में उन्होंने पहली बार AI के संभावनाओं पर चर्चा की थी|

ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल

AI का इस्तेमाल बहुत सारे क्षेत्रों में किया जा रहा है, जिसमे से कुछ ये है।
१. वाहन में
२. फ़ोन में
३.बैंकिंग सर्विसेज में
४. इमेज बनाने में
५. सूचना आदि क्षेत्रों में किया जा रहा है।

ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे एवं नुकसान।

AI के फायदे
AI के फायदे में सबसे पहले आता है ऑटोमेशन,AI के सॉफ्टवेयर में कोई भी प्रश्न लिखते या बोलते ही कुछ ही सेकंड में उसका जवाब मिल जाता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बेहतर फैसले लेने के लिए किया जाता रहा है, चीजों को आसानी से करने के लिए किया जाता है।
एआई तकनीक तेज और सटीक परिणाम प्रदान करती है।यह कई कार्यों को ऑटोमेट कर सकता है जिससे आदमियों की जरूरत कम हो जाती है।एआई सिस्टम बिना थके 24 घंटे काम कर सकते हैं।

AI के नुकसान
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे हैं तो इसके नुकसान भी हैं.
AI का सबसे बड़ा असर नौकरी पे देखने को मिल रहा है, ये ठीक वैसे ही है जैसा कंप्यूटर के आने के बाद हुआ था। इससे बेरोजगारी का खतरा बढ़ाता जा रहा है जैसे की कस्टमर केयर, ग्राफिक डिजाइनिंग आदि क्योकि इन क्षेत्रों में AI का बहुत तेजी से इस्तेमाल हो रहा है। व्यावसायिक क्षेत्रों में उपस्थिति दर्ज करने के लिए पहले 4-5 व्यक्तियों की जरुरत होती थी लेकिन AI आने के बाद एक Face Recognition सॉफ्टवेयर की मदत से ये कार्य एक व्यक्ति कर रहा है अर्थात 5 लोगो का काम एक आदमी कर रहा है इससे बेरोजगारी बढ़ रही है।
निजता (Privacy) का खतरा: एक ओर एआई निजी डेटा संग्रहण कर के कार्य करता है जिसके कारण निजता का उल्लंघन हो सकता है,एवं डाटा के लीक होने का खतरा बना रहता है।
निर्णय में त्रुटि: गलत डेटा या पूर्वाग्रहपूर्ण एल्गोरिदम के कारण गलत निर्णय लिए जा सकते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक अत्याधुनिक तकनीक है जो हमारे जीवन को आसान बना सकती है, लेकिन इसके साथ जुड़े जोखिमों को भी ध्यान में रखना जरूरी है।

 

 

 

 

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